जबसे तुम दूर हुए हो दिल के और करीब हुए हो
महेसूस में हमेशा पास हो तुम
आँखों में बसी एक तस्वीर हुए हो..!
वीरान मन की दैलीज़ में आके
माथे की एक लकीर हुए हो
कितना अच्छा लगता हे जीवन
जबसे तुम मेरे हुए हो..!
रोता हूँ अब तुम्हे याद करके
फ़रियाद करता हूँ..फिर एक दीदार की.!
जबसे तुम दूर हुए हो..!!
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