Thursday, January 7, 2010

जबसे तुम दूर हुए हो

जबसे तुम दूर हुए  हो दिल के और करीब हुए हो
महेसूस में हमेशा पास हो तुम
आँखों में बसी एक तस्वीर हुए हो..!

वीरान मन की दैलीज़ में आके
माथे की एक लकीर हुए हो
कितना अच्छा लगता हे जीवन
जबसे तुम मेरे हुए हो..!

रोता हूँ अब तुम्हे याद करके
फ़रियाद करता हूँ..फिर एक दीदार की.!
जबसे तुम दूर हुए हो..!!

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